नया सवेरा

April 25, 2021 at 12:06 pm | Posted in Poem | Leave a comment
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नया एक सवेरा ज़रूर आएगा,
क्यूंकि वक़्त ही तो है, कट जायेगा ,

रात लम्बी है और काली भी,
उम्मीद का तारा नज़र आएगा ,
काला यह बादल बरस जायेगा ,
क्यूंकि वक़्त ही तो है , कट जायेगा,

अँधेरी इस रात में , अपनों से दूर
डरावना ये सपना , टूट जायेगा,
गम का अँधेरा भी छट जायेगा,
क्यूंकि वक़्त ही तो है , कट जायेगा,

थोड़ा जो ठहरे हो , ज़िन्दगी की दौड़ में,
जी लो इन पलों को आज अपने साथ,
कुछ दिन में पहिया फिर घूम जायेगा,
क्योंकि वक़्त ही तो है कट जायेगा,

फूलो को देखो, चिड़ियों को सुन लो,
बच्चों की मस्ती में , बचपन ही बुन लो,
जीवन है जितना , जी तो लो उतना,
छोटी इन खुशियों को मुट्ठी में भर लो,

नया एक सवेरा ज़रूर आएगा,
क्यूंकि वक़्त ही तो है, कट जायेगा.

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